Kolkata Doctor Rape Murder Case- सीबीआई का दावा- संजय रॉय ही है असली अपराधी, सीमन और बाल सहित इन सबूतों से हुई पुष्टि!

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने चार्जशीट फाइल कर दी है. इंडिया टुडे/आजतक को इस चार्जशीट की एक्सक्लूसिव डिटेल पता चली है, जिसमें कहा गया है कि सिविक वालंटियर संजय रॉय ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है. पीड़िता की डेड बॉडी से लिए गए सीमन के सैंपल को जांच के लिए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबरोटरी भेजा गया था. इसमें पता चला है कि सीमन किसी और का नहीं बल्कि संजय रॉय का ही है, जो कि इस वक्त सीबीआई की गिरफ्त में है.

सीबीआई ने दावा किया कि सीएफएसएल रिपोर्ट से पुष्टि हो गई है कि सीमन संजय रॉय का है. चार्जशीट के अनुसार, कई भौतिक साक्ष्य, परिस्थितिजन्य साक्ष्य, फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर साबित होता है कि इस वारदात को संजय रॉय ने ही अंजाम दिया है. इस घटना के 24 घंटे के भीतर ही कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. इस चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 9 अगस्त को क्राइम सीन से मिले छोटे बाल को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया था. रिपोर्ट में ये बाल संजय रॉय के बताए गए हैं.

इस तरह से देखा जाए तो जो बात कोलकाता पुलिस ने करीब सवा दो महीने पहले कही थी, ठीक वही बात पूरे 58 दिनों बाद अब सीबीआई कह रही है. आरजे कर अस्पताल की ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के साथ 9 अगस्त की सुबह जो कुछ हुआ उसकी जो कहानी अगले ही दिन यानी 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने सुना दी थी, ठीक वही कहानी 58 दिन बाद अब सीबीआई सुना रही है. लगभग 100 गवाहों, 12 पॉलीग्राफ टेस्ट, सीसीटीवी कैमरों, फॉरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन, ईयरफोन और आरोपी के बयान के बाद चार्जशीट फाइल की गई है.

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इसमें सीबीआई ने भी ये साफ कर दिया है कि ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ था, ना कि गैंगरेप. ट्रेनी जूनियर डॉक्टर का क़त्ल एक अकेले संजय रॉय ने किया था. न कि इसके पीछे किसी और साज़िश थी. सीबीआई ने कोर्ट में 45 पन्नों की पहली चार्जशीट दाखिल की और इसी चार्जशीट में 9 अगस्त की सुबह की वो पूरी कहानी दर्ज की, जिसको लेकर तमाम सवाल उठ रहे थे. लेकिन अब खुद सीबीआई ने उन सवालों के जवाब दे दिए हैं. इसमें वारदात के बाद सबूतों से छेड़छाड़ के अलावा भ्रष्टाचार के मामले में डॉक्टर संदीप घोष को दोषी जरूर ठहराया गया है.

यह भी पढ़ें: कोलकाता कांड: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 50 सीनियर डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा

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कोलकाता कांड को सुलझाने में काम आईं तीन अहम बातें

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, इस केस को सुलझाने में तीन चीजें सबसे अहम साबित हुई-

पहली- सेमिनार रूम के बाहर सीसीटीवी कैमरे से मिली तस्वीरें. जिनमें 9 अगस्त की सुबह 4 बजे संजय रॉय सेमिनार हॉल के अंदर जाता दिखाई देता है. और आधे घंटे बाद वो बाहर निकल जाता है. इस दौरान सेमिनार हॉल में संजय के अलावा ना और कोई दूसरा गया, न बाहर आया.

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दूसरी- सेमिनार हॉल से मिला संजय रॉय का मोबाइल का ईयरफोन. जो बाद में उसी के ब्लूटूथ से कनेक्ट हो गया था.

तीसरी- सबसे अहम चीज फॉरेंसिक रिपोर्ट थी. ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के नाखुन में मिले खून से संजय का डीएनए मैच कर गया. इसके अलावा सीमन का डीएनए भी संजय से मैच कर गया था. प्राइवेट पार्ट से संजय के अलावा और किसी का कोई डीएनए सैंपल नहीं मिला था और इसी चीज़ ने ये साफ कर दिया कि ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के साथ संजय रॉय ने ही रेप किया था और ये गैंगरेप का मामला नहीं है.

डॉक्टरों ने की सीबीआई जांच जल्द पूरी करने की मांग

आंदोलनकारी डॉक्टरों ने बुधवार को कोलकाता में रैलियां निकालीं और केस की जांच जल्द पूरी करने की मांग की है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सीबीआई की चार्जशीट में केवल एक व्यक्ति को मुख्य आरोपी क्यों बताया गया. इसके साथ ही मांग की गई है कि केंद्रीय जांच एजेंसी 15 अक्टूबर से पहले चार्जशीट में अन्य दोषियों के नाम शामिल करे, जब सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है. आंदोलनकारी डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर साल्ट लेक इलाके में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित करुणामयी से सीबीआई कार्यालय तक एक विशाल रैली निकाली.

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सीजीओ कॉम्प्लेक्स में रैली पहुंचने के बाद एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, "जांच रिपोर्ट में डॉक्टर के बलात्कार के पीछे कई लोगों की मौजूदगी का संकेत दिया गया है. इसके बाद भी सीबीआई ने आरोपपत्र में केवल एक व्यक्ति को आरोपी क्यों बताया? उन्हें त्वरित जांच करनी चाहिए और 15 अक्टूबर से पहले और नाम शामिल करने चाहिए, जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है." सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुए जघन्य कांड के लिए एकमात्र आरोपी ठहराया है.

यह भी पढ़ें: कोलकाता कांड: CBI को कोर्ट की फटकार, जज ने कहा- जांच में इतनी लापरवाही नहीं होनी चाहिए!

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सीबीआई का दावा- रेप के वक्त बेहोश थी लेडी डॉक्टर

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, 8 और 9 अगस्त के दौरान संजय रॉय कुल चार बार आरजी कर अस्पताल के अंदर गया था. उस रात संजय ने काफी शराब पी रखी थी. उसी नशे में वो रात करीब चार बजे अस्पताल के तीसरी मंजिल पर पहुंचा. इस बात से अंजान कि सेमिनार हॉल में ट्रेनी जूनियर डॉक्टर सो रही है, वो सेमिनार हॉल में पहुंच गया. वहां उसे ट्रेनी डॉक्टर दिखाई देती है. इसी के बाद वो उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करता है. ट्रेनी डॉक्टर खुद को बचाने की कोशिश करती है. तभी वो उसका मुंह और गला दबाने लगता है. चार्जशीट के मुताबिक संजय रॉय ने जब ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया, तब वो बेहोश थी.

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CBI को उलझाने की कोशिश कर रहा था संजय रॉय सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के जिस्म पर कुल 16 बाहरी और 9 अंदरुनी चोट थी. खुद को बचाने के दौरान उसने संजय रॉय पर हमला भी किया था. जिसकी वजह से खरोंचने के दौरान उसके नाखुन में संजय का ब्लड आ गया था. संजय रॉय के हाथ और गर्दन पर भी खरोंचे जाने के निशान मिले थे. जिसका वो सही-सही जवाब नहीं दे पाया था. चार्जशीट में कहा गया है कि संजय रॉय शुरू से ही सीबीआई को अपने बयानों से उलझाने की कोशिश कर रहा था. वो इस पूरे मामले को खुद के खिलाफ एक साज़िश बता रहा था.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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